संगीतकार नौशाद एवम रफ़ी साहब |
![]() |
शक़ील बदायुंनी |

बैजू-बावरा के इस भजन को सुनिये इधर क्लिक कीजिये "मन तरपत हरि " इस भजन में हिंदी शब्दों के अलावा किसी भी अन्य भाषा का शब्द प्रयुक्त नहीं हुआ. आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतज़ार है
आपका ही
सच्चिदानंद शेकटकर